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क्या है G-20 - G-20 का गठन और शुरुआत ?

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क्या है G-20
G-20 विश्व की 20 प्रमुख अर्थव्यवस्था ओं के वित्त मंत्रीयों और केंद्रीय Bank के गवर्नर्स का एक संगठन है. G-20 दुनिया की दो तिहाई आबादी और विश्व की 85 फीसदी जीडीपी का प्रतिनिधित्व करते हैं. इस संगठन में 19 देश और यूरोपीय संघ शामिल हैं.

G-20 के सदस्य देश

दक्षिण अफ़्रीका, कनाडा, मेक्सिको, संयुक्त राज्य, अर्जेण्टीना, ब्राज़ील, चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, भारत, इंडोनेशिया, सउदी अरब, रूस, तुर्की, यूरोपीय संघ, फ़्रान्स, जर्मनी, इटली, यूके और ऑस्ट्रेलिया

G-20 का गठन और शुरुआत
G-20 का गठन वर्ष 2007 में जी-8 के सदस्य देशों के वित्त मंत्रियों ने एक अंतरराष्ट्रीय मंच के तौर पर किया था.

G-8 विश्व के सर्वोच्च संपन्न औद्योगिक देशों- फ्रांस, जर्मनी, इटली, यूनाइटेड किंग्डम, जापान, संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा एवं रूस का एक संघ है. यह समूह आर्थिक विकास एवं संकट प्रबंधन, वैश्विक सुरक्षा, ऊर्जा एवं आतंकवाद जैसे वैश्विक मुद्दों पर आमसहमति को बढ़ावा देने के लिए सालाना बैठक का आयोजन करता है.

G-6 फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, यूके और अमेरिका से बना था. इसके बाद 1976 में इस समूह में कनाडा के शामिल होने के बाद यह जी-7 और 1998 में रूस के शामिल होने पर जी-8 बन गया.


G-20 के कार्य

G-20 का मुख्य कार्य वैश्विक अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाना, अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों में सुधार लाना, वित्तीय नियमन में सुधार लाना और प्रत्येक सदस्य देश में जरूरी प्रमुख आर्थिक सुधार लाना है.
यह समूह (G-20) अपने सदस्यों के अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग और कुछ मुद्दों पर निर्णय करने के लिए प्रमुख मंच है.

G-20 की अध्यक्षता और सचिवालय
G-20 की अध्यक्षता एक प्रणाली के तहत हर साल बदलती रहती है. जो समय के साथ क्षेत्रीय संतुलन को सुनिश्चित करता है.

अनौपचारिक राजनीतिक मंच की अपनी प्रकृति को दर्शाते हुए G-20 का कोई स्थायी सचिवालय नहीं है. इसके बजाय अन्य सदस्यों के साथ G-20 एजेंडा पर परामर्श और वैश्विक अर्थव्यवस्था में हुए विकास पर प्रतिक्रिया देने के लिए उन्हें एक साथ लाने की जिम्मेदारी G-20 के अध्यक्ष की होती है.

G-20 शिखर सम्मेलन
G-20 के नेता वर्ष में एक बार साथ मिलते हैं और बैठक करते हैं. इसके अलावा, वर्ष के दौरान, देशों के वित्त मंत्री और केंद्रीय बैंक के गवर्नर वैश्विक अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने, अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों में सुधार लाने, वित्तीय नियमन में सुधार लाने और प्रत्येक सदस्य देश में जरूरी प्रमुख आर्थिक सुधारों पर चर्चा करने के लिए नियमित रूप से बैठक करते रहते हैं.

वर्ष 2008 में G-20 के नेताओं का पहला शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया था और समूह ने वैश्विक वित्तीय संकट का जवाब देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. इसकी निर्णायक और समन्वित कार्रवाई ने उपभोक्ता और व्यापार में भरोसा रखने वालों को शक्ति दी और आर्थिक सुधार के पहले चरण का समर्थन किया.

G-20 शिखर सम्मेलन 2018
13वें G-20 शिखर सम्मेलन 2018 का 1 दिसम्बर को समापन हो गया. यह सम्मेलन अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स में 30 नवम्बर से 1 दिसम्बर तक आयोजित किया गया था. दक्षिण अमेरिका में आयोजित होने वाला यह पहला G-20 शिखर सम्मेलन था.

PM नरेंद्र मोदी ने इस सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व किया. उन्होंने इस सम्मेलन में लगातार पांचवी बार हिस्सा लिया. इससे पहले वे 2014 में ब्रिस्बेन, 2015 में अंताल्या, 2016 में चीन और 2017 में जर्मनी के हैम्बर्ग में हुए सम्मेलन में हिस्सा ले चुके हैं.

13वें G-20 शिखर सम्मेलन में अमरीका को छोड़कर अन्य सभी G-20 सदस्य देशों ने जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौते को लागू करने पर सहमति व्यक्त की.

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